उदासी दूर करने के उपाय | एक व्यापक गाइड

प्रत्येक इंसान अपने जीवन के, किसी ना किसी मोड़ पर उदासी को निश्चय महसूस किया होगा। परन्तु उस उदासी से तन-मन पर पड़ने वाले प्रभाव को समझना, प्रत्येक के लिए ज्यादा मायने रखता है।

इसके लिए उदास महसूस कराने वाले कारकों को पहचानकर, उचित एवं सटीक उपायों से, इन्हें जीवन पर हावी होने से रोका जा सकता है।

इस गाइड में, हम जीवन को झकझोर करने वाले कारण, जो मन को उदास बना दे, कारणों को समझ कर इनसे उबरने के तरीकों को जानेंगे।

1. परिचय

उदासी किसी भी इंसान के चेहेरे से लेकर मन-मस्तिस्क तक के रौनक को छीन लेता है। उसका जीवन मायूसी के कोहरे से ढककर, अंधकारमय हो जाता है।

यह परिस्थितियां व्यक्ति को ऐसा प्रतीत कराता है, मानों कि उसका जीवन पूरी तरह खोया एवं अस्थिर हो चुका हो। ऐसे हालातों में इंसानों के लिए साहस बनाए रखना थोड़ा मुश्किल जरुर होता होगा, लेकिन अंततः हल जरुर निकलते हैं।

परंतु अपने समस्याओं के हल की खोज में निकलने से पहले, अपने वर्तमान स्थितियों को स्वीकारना अत्यंत आवश्यक है, तभी इनका आंकलन करके इससे निपटने के विभिन्न तरीकों को समझ सकेंगे।

2. उदासी कम करने वाली शारीरिक गतिविधियाँ

हरेक इंसान, प्रतिदिन शारीरिक गतिविधियों में लीन रहता है, जैसे कि खाना-पीना, पढ़ना-लिखना, खाना बनाना, या फिर अपने कामों में व्यस्त रहना। परंतु आज जिन शारीरिक गतिविधियों पर चर्चा किया जायेगा, वे सभी इन सबसे बिलकुल अलग होगा।

हम बात कर रहे है, व्यायाम, नृत्य, जिम जाने पर। अगर कोई अपने जीवन में तनावपूर्ण परिस्थितियों से गुजर रहा है तो उसके लिए ये शारीरिक गतिविधियां बहुत ही वरदान साबित होंगे।

क्योंकि इन गतिविधियों द्वारा शरीर में एंडोर्फिन के मात्रा में वृद्धि होता है, जो दर्द को कम करके आनंद अनुभूति को बढ़ाने में मदद करता है।

नृत्य, योग और जिम जाना शारीरिक गतिविधियों के वे शानदार उदाहरण हैं, जो उदासी को दूर करने में आपका भरपूर मदद करेगा।

2a. व्यायाम

प्रत्येक रोज सुबह को टहलना शरीर को पूरा तरोताजा बनाए रखता है। यहां तक कि कुछ मिनट का व्यायाम भी आपको बेहतर महसूस कराएगा।

इसलिए अगर आप चाहते हो कि पुरे दिन की शुरुवात अच्छे तरीके से हो तो आपको निश्चय ही एक साधारण वाक या जॉग जरुर करना चाहिए। यह अभ्यास आपके दिमाग को तंदरुस्त बनाएगा।

यह भी पढ़ें :- मंच पर बोलने पर होता है डर का अनुभव…! जानियें पब्लिक स्पीकिंग के खास तरीकें

2b. नृत्य

कोई व्यक्ति तभी अच्छा नृत्यकार बन पायेगा, जब वह गाने के सुर-ताल के साथ अपने शरीर और मन को एक लय में जोड़ पाने में सक्षम होता है। इसलिए नृत्य करना भी आपके जीवन के इन भावनाओं से छुटकारा दिला सकता है।

इसके अलावा नृत्य वेसी उत्कृष्ट शारीरिक क्रिया है जो आप को अभिव्यक्त करने में काफी आनंदित महसूस कराएगा। और आप चाहे तो अकेले या फिर दोस्तों के संग भी कर सकते हो।

2c. जिम जाना

वर्कआउट में काफी शरीर में उर्जा खर्च होता है। साथ ही वर्कआउट करना काफी मेहनत और सतर्कता जरुरत होता है। क्योंकि जिम करते वक़्त हमारे शरीर और मन में तालमेल होना बहुत जरुरी होता है।

जो किसी भी मन के अंदर छुपे हताशा को बाहर निकालने में मदद करता है। अपनी उदासी को कम करने के लिए इन शारीरिक गतिविधियों में शामिल आवश्य हों।

हाँ, एक बात ओर, अपने शरीर के जरुरत को समझे, और यदि कोई गतिविधि आपकी उदासी को बढ़ाता है, तो उसे जारी बिलकुल भी नही रखें।

यह भी पढ़ें :- अपने विचारों और भावनाओं पर नियंत्रण चाहते है? तो मन शांत करने के प्रभावी सुझावों को पढ़िए।

3. उदासी कम करने वाली रचनात्मक गतिविधियाँ

उदासी से निपटने के दौरान रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होकर, अपने आप को व्यक्त करने और बेहतर महसूस करने का एक नायाब तरीका है। यहाँ कुछ विचार हैं:

3a. पेंटिंग

एक कैनवास और कुछ पेंट लें और अपने भीतर के कलाकारी को बाहर निकालें। एक बात आवश्य ध्यान रखें कि, अपनी भावनाओं को उकेरने के लिए आपको पिकासो होने की आवश्यकता नहीं है।

बस ब्रश और रंगों को उठाइए, और अपने अन्दर के कलाकार को कागज़ में उतार दें। यहां कोई निर्णय नहीं, बस ब्रशस्ट्रोक।

3b. लेखन

हर किसी इंसान के लिए अपने वेदनाओं को बोलकर व्यक्त कर पाना संभव नही है। अगर वे बोलने में असहज महसूस कर रहें हैं तो, निश्चय ही कुछ बातें कहने के बाद अधूरे रह जाते हैं।

अपनी भावनाओं के निकालना बहुत कठिन होता है। उनलोगों को डायरी लिखने का आदत बनाना चाहिए। वे इस बारे में लिखेंगे कि क्या चीजें ज्यादा दुख दे रहे है और अपना मूड अच्छा बनाने के लिए किन सकारात्मक क्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करें।

इसके अलावा आपके पास कई और विकल्प होंगे, जैसे कि आप एक कविता, एक कहानी या जर्नल प्रविष्टि लिख सकते हैं और अपने विचारों को आवाज दे सकते हैं।

3c. वाद्य यंत्र बजाना

चाहे वह गिटार बजाना हो या ड्रम बजाना हो, संगीत बजाने से दबी हुई भावनाएं बाहर आते हैं। अपना खुद का संगीत लिखना आपको अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करेगा।

3d. गाना

अपने पसंदीदा गाने गाना, आपको बेहतर महसूस करायेगा। हाँ, जब आप गाना गाएं, तो मन में बस एक ही बात सोचे कि आपसे बेहतर कोई ओर गायक नही है। और दिल से गानों को सुर दे।

ये रचनात्मक गतिविधियाँ आपकी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए जरुर सही साबित होगा। इसलिए कुछ नया करने की कोशिश करने से डरिये नही। आप खुद को ताज्जुब कर सकते हैं कि कैसे थोड़ी सी रचनात्मकता आपके जीवन में बड़ा बदलाव का कारण बनेगा।

4. दूसरों की मदद लेना

उदास महसूस करना एक अलग अनुभव हो सकता है, लेकिन याद रखें, आप अकेले नहीं हैं। आपको अकेले दुख का सामना करने की जरूरत नहीं है। दूसरों की मदद लेकर इनपर काबू पाया जा सकता है।

4a. दोस्त से बात करना

एक सच्चा दोस्त अच्छा श्रोता होने के अलावा, सही मार्ग से भी अवगत कराता है। इसलिए यदि आप अपने मन के बैचेनी को दोस्त के सामने रखें, तो संभवत आपके समस्याओं पर विभिन्न तरीके के हल पा सकते हैं।

अपने विचारों और भावनाओं को किसी करीबी के साथ साझा करने से आपके मन का बोझ काफी हदतक कम हो जायेगा। साथ ही सुकून और राहत भी देगा।

4b. सहायता समूह में शामिल होना

इस दुनिया में कई सारे लोग ऐसे है, जो आप ही की तरह के परिस्थितियों से जद्दोजहद कर रहे हैं। इसलिए यह कतई संभव नही कि आप जिन हालातों से आज जूझ रहे हो, आप अकेले होगे।

आपके जैसे ढेर सारे लोग होंगे। ऐसे लोगों को बेहतर सलाह या उपचार प्रदान करने के लिए कई लोगों ने मिलकर सहायता समूह का निर्माण किया है।

इन सहायता समूहों को सोशल मीडिया द्वारा खोजना एवं जुड़ना काफी आसान है। ऐसे समूहों में हिस्सा लेकर अपने विचारों, भावनाओं को साझा करने से लेकर उचित मदद भी आसानी से मिल जाते हैं।

4c. चिकित्सक का परामर्श

अगर आपके हालात बिलकुल ही बिगड़ चुके है, निश्चय ही आपको किसी पेशेवर चिकित्सक का परामर्श लेना चाहिए। ये चिकित्सक आपकी भावनाओं को संसाधित करने में आपकी मदद करेगा और उन्हें प्रबंधित करने के तरीके भी समझायेंगे।

क्योंकि एक प्रशिक्षित पेशेवर चिकित्सक जीवन के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में आपकी काफी मदद कर सकेगा, और आपको चुनौतियों का सामना करते समय आश्वस्त रहने के सटीक तरीके भी सुलझाएंगे।

4d. स्वयंसेवीकरण

जरुरी नही कि हरेक को ऐसी हालातों में मदद करने वाला मिल जाए।

इसलिए कई लोगों को अपने इन परिस्थितियों से उबरने का कोशिश स्वयं ही करना पड़ता है। दुसरे के भरोसे हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने से बेहतर होगा कि, इन चीजों को नए नजरिए से देखने और अनुभव करने का कोशिश करें।

ऐसे में कोई इंसान यदि अपने आप इसी तरीके से स्वयं को शशक्त बना ले, तो एक समय बाद निश्चय ही उस इंसान के अन्दर अपने उम्र से ज्यादा समझदारी और परिपक्वता हासिल कर लेगा। याद रखें, मदद माँगना कमज़ोरी की निशानी नहीं है।

इसके बजाय, यह ताकत का संकेत है। अगर आप उदासी से जूझ रहे हैं, तो किसी से संपर्क करने की कोशिश करें।

5. अतीत को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना

अक्सर लोग कहा करते है कि, समय के साथ-साथ सभी जख्म भी ठीक हो जाते है, लेकिन उस परेशानी से कैसे निपटे, जो दिन के हफ़्तों में बदल जाते है और सप्ताह महीनों में बदल जाता है?

जिसके जीवन में उदासी आया है, उससे पीछे छुड़ाना इतना भी आसान नही होता है। लेकिन अगर हममें सुधार का निरंतर कोशिश रहे तो अवश्य ही संभव है।

कई लोग दूसरों से शिकायत करने के बजाय अपने कामों पर फोकस करते है, तो कोई दूसरों को माफ़ कर देते हैं, तो कोई जीवन में एक नया बदलाव को अपनाकर आगे बढ़ जाते है। आपसी रिश्तों के मनमुटाव इतनी आसानी से कभी ख़त्म नही होते।

लेकिन उन्ही नकारात्मक यादों को बार-बार अपने जेहन में बनाएं रखेंगे तो, हमारे लिए आगे बढ़ने के राह में बाधा बनेंगे। इसलिए जो व्यक्ति आगे की यात्रा में स्वयं को और दूसरों को क्षमा कर देता है, वही जिंदगी के जंग में आगे निकल जाता है।

स्वयं को और दुसरे को क्षमा से आप उन क्रोध, चोट और आक्रोश के बोझ से मुक्त हो जाते हो, जिससे कभी आपको बोझ महसूस कराता है। हम जैसे सोचते है, वैसे कभी नही होता, बल्कि हम जैसे प्रतिक्रिया करते है, वैसे ही हमारे साथ घटित होते हैं।

हर किसी के लिए परिवर्तन को स्वीकारना शुरुवात में मुश्किल जरुर लगता है, एक छिपा हुआ डर होता है, जो रोमांचक भी लगता है, क्योंकि हर कोई नए बदलाव आने पर हिचकिचाते है। परंतु भविष्य को बेहतर आकार देने के लिए इससे अपनाना आवश्यक है।

नकारात्मक भावनाओं को जाने देने के बाद, नई परियोजनाएँ शुरू करें, नए लोगों से मिलें, नई जगहों पर जाएँ और खुद में नयापन को अनुभव कराएं। अपने आप पर बहुत अधिक कठोर बनाने से बचाएं और छोटे-छोटे प्राप्त करने योग्य लक्ष्य निर्धारित करें जिन्हें आप हासिल कर सकें।

6. उदासी में स्व-देखभाल करना

जब किसी इंसान के जीवन में ढेरों तकलीफें एक साथ आ जाए, जिससे उसके लिए लड़ना तक़रीबन असंभव लगने लगे, तो वह व्यक्ति स्वयं के देखभाल के प्रति अपने आप ही उपेक्षित करने लगता है।

इसलिए उदासी से निपटने के दौरान अपना ख्याल रखना भी जरुरी है। वर्ना परिस्थितियां सुधरने के बजाय बिगड़ने लगेंगे। लेकिन जो इन हालातों में भी अपना ख्याल रख पाने में सक्षम होता है, वही जीवन में तेज़ी से सकारात्मकता को अपना पाता है।

यंहा स्व-देखभाल करने के कुछ प्रमुख तरीके दिए गए हैं:

6a. स्वस्थ खाना

शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाये रखने के लिए हमेशा ही पौष्टिक आहार को भोजन में शामिल करें। इससे आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होगा।

विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ हमारे शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखता है। कोशिश करें कि, अपने आहारों में अधिक मात्रा में फल, सब्जियां को शामिल करने का लक्ष्य रखें।

6b. पर्याप्त नींद

आपके शरीर और दिमाग के मध्य सही तालमेल बनाए रखने के लिए पर्याप्त नींद आवश्यक है। इसलिए अपनी नींद की गुणवत्ता में सुधार करें।

6c. प्रौद्योगिकी से अनप्लगिंग

प्रौद्योगिकी एवं तकनीक से खुद को दूर रखें, क्योंकि इनसे लगातार संपर्क से तनाव और चिंताएं अधिक बढ़ जाते है। इन सबसे नियमित ब्रेक लेने से आपको अपने निजी जीवन पर ध्यान केंद्रित करने में ज्यादा मदद मिलेगा।

6d. एक ब्रेक लें

हमें कभी-कभार नियमित रूटीन जिंदगी से भी ब्रेक लेना चाहिए। जिससे हमारे शरीर को रिचार्ज करने और अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने में मददगार साबित होता है।

इसलिए अपने कामों को कुछ दिनों के लिए दरकिनार करके, कुछेक दिन की छुट्टी लीजिए और अपने लिए वक़्त निकालिए।याद रखें, स्वयं की देखभाल को प्राथमिकता दिए बिना, कोई भी इंसान आसानी से सहज बिलकुल नही हो सकता है।

इसलिए अपने शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखिए जो आपको कठिन भावनाओं से निपटने में मदद करके आपकी समग्र भलाई में सुधार करेगा ।

7. उदासी के माध्यम से बने रहना

एक बात हमेशा याद रखें कि, इससे निपटने की प्रक्रिया में समय लगता है। सिर्फ एक दिन बाद से ही आप बेहतर महसूस करने लगे, ऐसा बिलकुल भी संभव नही। आपको इस समय अंतराल में धैर्य एवं संयम बनाए रखना होगा।

किस समय किससे मदद लेना उचित होगा, यह समझना भी जरुरी है। यदि आपको काफी लंबे अरसे से इस तनाव को झेल रहे हो, जो आपके दैनिक जीवन और गतिविधियों को प्रभावित करें, तो निश्चय ही पेशेवर की मदद लें।

मदद मांगने का मतलब यह नहीं है कि आप कमजोर हैं। इसका मतलब है कि आप अपने मानसिक स्वास्थ्य और सेहत पर नियंत्रण चाहते हो। जीवन का उदासी को जड़ से मिटाना है तो, जीवन में हर छोटी-बड़ी खुशियों का जश्न मनाओ।

अपने जीवन को नए उर्जा से भरकर एक नया अर्थ देना होगा।

8. निष्कर्ष

उदासी से निपटना आपके समग्र कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। अपने दैनिक दिनचर्या में शारीरिक और रचनात्मक गतिविधियों को हमेशा जोड़े रखिए, सहायता के लिए प्रियजनों से हमेशा जुड़े रहें और नकारात्मक आदतों से बचें।

जो बीत गया उससे सबक लेकर आगे बढ़ें। अपनी प्रगति पर चिंतन करें और रास्ते में हर छोटी से बड़ी जीत का जश्न मनाएं।

आत्म-देखभाल और सकारात्मक परिवर्तन को प्राथमिकता देकर, आप उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। हमेशा आगे बढ़ते रहिए! यही हमारी शुभकामनाएं आपके साथ है।

Leave a Comment