ओलंपिक खेल विश्व में, खेलों का सबसे बड़ा महासंगम है। इस महासंगम में वैश्विक स्तर पर खेले जाने वाले कई सारे खेलों को सम्मलित रूप से आयोजित किया जाता है। जिसमें दुनिया भर के देश अपने प्रतिभागियों को इस खेल के लिए तैयार करते हैं।
कोई देश, चाहे कितना भी सक्षम हो या अक्षम, लेकिन ओलंपिक में पदक जीतने से विजेता देश के प्रति दुनिया का रुख बदलकर रख देता है।
जो देश इस महत्व को समझते है, वे अपने खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए जी-जान लगाकर खूब पैसे खर्च करते हैं। ओलंपिक खेल का आयोजन भी काफी खर्चीला है। इसलिए इस खेल का आयोजन कर पाना हर देश के लिए संभव नही है।
परंतु, इसमें मेजबान देश को इन महंगे आयोजनों से कई लाभ है। मेजबान देश इन आयोजन के माध्यम से अपने देश के विरासत, कला, संस्कृति, अर्थव्यवस्था को दुनिया के सामने भव्य प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है।
ऐसे आयोजन पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देते है, जिससे विदेशी मुद्रा भण्डार बढ़ता है। आइए, ओलिंपिक खेल से जुड़ी मुख्य ज्ञानवर्धक जानकारियां को विस्तार से समझते है।
1. ग्रीस देश

ओलंपिक खेल के इतिहास को समझना है, तो ग्रीस देश के बारे में हमारे लिए जानना जरुरी हैं, जहाँ से ओलंपिक खेल का शुरुवात हुआ।
आज के आधुनिक ओलंपिक कि उत्पत्ति ग्रीस देश से हुआ, जो यूरोपीय महाद्वीप में स्थित एक देश है, जिसकी राजधानी एथेंस है।
इस देश को यूनान, Hellenic Republic (Official Name) नाम से भी जाना जाता है। साथ ही ग्रीस देश को अन्य-अन्य भाषाओं में अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है।
2. ओलिंपिक खेल का इतिहास
प्राचीन काल में ग्रीस देश में युद्ध विराम के वक़्त, अपने प्रदेशों के बीच सैन्य प्रतिस्पर्धा को बनाये रखने के लिए खेल का आयोजन करते थे। तब इन खेलों को सिर्फ प्रादेशिक तौर पर ही आयोजन किया जाता था, यानि तब वैश्विक रूप से प्रचलित नही था।
इस कार्यक्रम का जूनून इतना था कि इन खेलों के शुरू होने पर नगरों–शहरों के आपसी युद्धों पर विराम लग जाते थे।
जो ख़िलाड़ी इन खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते, उन विजेता प्रतिभागियों को जैंतून के पत्तों से बने मुकुट पहनाकर विजयी घोषित किया जाता था। यह खेल ग्रीस के ओलम्पिया जगह पर आयोजन होने के कारण, खेल का नाम ओलंपिक पड़ा।
यह ओलम्पिया, दक्षिणी ग्रीस के Peloponnese प्रायदीप के पश्चिमी तट पर स्थित है।ओलिंपिक खेलों का आरंभ ७७६ BC (776 Before Christ) से माना गया है।
हालाँकि, इस खेल को आयोजन उस समय Zeus को समर्पण के उद्देश्य से आयोजित किया जाता था। यह ओलिंपिक खेल का आयोजन ४ (4)साल के अंतराल पर होता है, तथा इस अंतराल को ओलिंपियाड कहा जाता है।
ग्रीस के शासन में, रोमन शासक Theodosius I के अधीन होने पर ३२४ (324BC) से इस खेल में प्रतिबन्ध लगा दिया।ओलिंपिक खेल को Theodosius I नें मूर्ति पूजा कहकर अमान्य बताया, एवं ईसाई धर्म को राज्य भर में अपनाने का दवाब बनाने से ओलिंपिक खेल का एक अंत हुआ।
3. आधुनिक ओलिंपिक खेल की शुरुवात

आधिकारिक तौर से आधुनिक ओलिंपिक खेलों का आयोजन १८९६ (1896) में एथेंस के Panathenaic Stadium से किया गया। जिसका श्रेय फ़्रांसिसी व्यक्ति, पियारे डी कुबेर्तिन(Pierre de Coubertin) को दिया जाता है।
कुबेर्तिन का मानना था कि खेल प्रतियोगिता के द्वारा आपसी युद्ध को टालने का एक विकल्प है।
इसके बाद Pierre de Coubertin और Demetrios Vikelas नें मिलकर ही, International Olympic Committee(IOC) की स्थापना २३ जून १८९४ (23 June 1894)को किया गया था।
हालाँकि १८९६(1896) तथा इसके बाद के ओलिंपिक आयोजन ने उतने भव्य रूप नही लिया, और लोकप्रियता का भी अभाव मिला।
परन्तु जब से विश्व शक्तियां अमेरिका और सोवियत संघ ने हिस्सा लिया, तब से धीरे धीरे यह खेल विश्व के लिए एक मंच के रूप में तैयार होने लगा। १८९६(1896) के बाद दूसरा १९००(1900) ओलिंपिक पेरिस में हुआ।
4. ओलिंपिक मशाल क्या है

इतिहासकारों के मतानुसार, प्राचीन ग्रीस मान्यताओं में आग को पवित्र माना जाता है, जिसे Prometheus ने भगवान से चुराया था। यूनान में हेरा (ज़ीउस के पत्नी ) के मंदिर में मशाल को जलाया जाता है।
ओलंपिक खेल का शुभारंभ Zeus को समर्पण के रूप में, आग की मशाल जलाना भी एक अभिन्न रहा है, और यह प्रथा तब से चला आ रहा।
इस मशाल के शुद्धता को बनायें रखने के लिए सूर्य किरणों को अवतल परावर्तनीय सतह द्वारा केन्द्रित करके ओलिंपिक मशाल को प्रज्वलित किया जाता है।
परंतु आधुनिक ओलिंपिक में मशाल प्रज्वलित करने की शुरुवात १९२८(1928) के एम्स्टर्डम ओलिंपिक से हुआ। ओलंपिक मशाल को यूनान से आयोजक स्थल तक ले जाने कि परंपरा बर्लिन ओलिंपिक १९३६(1936) से शुरू किया गया ।
5. ओलिंपिक टोर्च रिले

ओलम्पिया में प्रज्वलित की गई मशाल को खेल आयोजित करने वाले देश में सीधे नही लाया जाता है। उस अग्नि को दुसरे मशाल में सौंपकर ही लाया जाता है। इसे लाने के लिए ओलिंपिक के पूर्व विजेता खिलाड़ियों को चुना जाता है. इसे ही ओलिंपिक टोर्च रिले कहा जाता है।
6. ओलिंपिक झंडे का निर्माण

१९१३(1913) में पियरे डी कुबेर्तिन के परामर्श पर, जून १९१४ (1914) को ओलिंपिक झंडे का आधिकारिक उद्घाटन हुआ तथा १९२० (1920) के एंटवर्प ओलिंपिक में पहली बार इसे लहराया गया। इस ध्वज़ में पांच रंगों के गोल छल्ले होतें हैं, जो सभी महाद्वीपों के प्रतिनिधित्व को इंगित करते हैं। इस झंडे के सतह का रंग सफ़ेद रखा जाता है।
- नीला छल्ला- यूरोप
- काला छल्ला-अफ्रीका
- लाल छल्ला- उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका
- पीला छल्ला- एशिया और,
- हरा छल्ला-ऑस्ट्रेलिया ।
7. ओलंपिक खेलों के लाभ
ओलंपिक का महत्व दर्शकों के उत्सावर्धक जय-जयकार और रिकॉर्ड प्रदर्शन से कंही ज्यादा है। ये निष्पक्ष खेल, सकारात्मक मूल्यों, सहानुभूति को बढ़ावा देते हैं।
प्रतियोगिताओं की प्रतिस्पर्धी प्रकृति के बावजूद, विभिन्न देशों के एथलीटों को मानव उत्कृष्टता और अंतरराष्ट्रीय अच्छे इरादे का जश्न मनाने के लिए एकत्र होते है।
इन आयोजनों द्वारा दुनिया को संदेश पहुँचाया जाता है कि विभिन्न नस्ल, संस्कृतियों और राष्ट्रीयताओं के एथलीट एक ही दोस्ती की भावना में एक मंच में कैसे इकट्ठे होते हैं। ओलंपिक खेलों के लाभ भी बहुत व्यापक हैं।
ये आयोजक देश में बुनियादी संरचना और पर्यटन में महत्वपूर्ण निवेश का कारण बनते हैं, और खेलों के दौरान नौकरियों और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करते हैं। इन खेलों में बेहतर सुविधाएं लाखों युवा एथलीटों और खेल प्रशंसकों को प्रेरित करते हैं।
साथ ही इन मंचों द्वारा स्वस्थ जीवनशैली विकल्पों को बढ़ावा देकर खेल और शारीरिक गतिविधि को ज्यादा महत्व देने पर प्रोत्साहित किया जाता है।
इसके अलावा इन आयोजनों से देशों, एथलीटों और विभिन्न व्यवसायों को अद्वितीय वैश्विक मीडिया कवरेज और नेटवर्किंग का अवसर प्राप्त होता हैं। तो, आइए ओलंपिक खेलों के अविश्वसनीय लाभों का जाने!
7a. सामंजस्य और सहयोग भावना
ओलंपिक आयोजनों का मुख्य उद्देश्य, प्रतिस्पर्धियों को अपने प्रतिद्वंद्वी के प्रति सम्मानजनक और निष्पक्ष व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इन खेलों ने हमेशा ही दुनिया में अंतरराष्ट्रीय पर एकता और सहयोग को बढ़ावा देने का काम किया है।
अगर गौर करें, तो यह आयोजन अनौपचारिक तौर पर विश्व शांति निर्माण के लिए एक मंच भी प्रदान करते हैं। इसीलिए भले ही किसी देशों के मध्य राजनीतिक मतभेदों चल रहे हो, परंतु इसके बावजूद, दोस्ती और सहयोगात्मक भावना प्रतियोगिता के दौरान दिखाई पड़ते है।
7b. अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना
ओलंपिक खेलों का आयोजन, हमेशा से ही मेजबान देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक परिवर्तन लाता है। खेलों के दौरान होटल, पर्यटन, और परिवहन सहित कई क्षेत्रों में नौकरी के अवसरों बढ़ते है, जिससे स्थानीय कर्मचारियों के संख्या में इजाफा होता है।
उल्लेख के लिए, बड़े पैमाने पर लोगों को सुविधाएँ पहुंचाने के लिए बनाये गए बुनियादी ढांचे और पर्यटन क्षेत्र में निवेश, आने वाले कई वर्षों तक विदेशी आगंतुकों को आकर्षित करते हैं, जिससे समग्र अर्थव्यवस्था पर विदेशी धन का इजाफा नजर आता है।
7c. खेलकूद में उन्नति
किसी भी एथलेटिक इवेंट में तकनीक के इस्तेमाल से न केवल प्रदर्शन मूल्यांकन स्तर बढ़ता है, बल्कि एथलीटों को निष्पक्ष निर्णय लेने की सुविधा भी मिलती है। इसमें विभिन्न डेटा एनालिटिक्स की मदद ली जाती है।
साथ ही, ये डेटा एनालिटिक्स एथलीटों को उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए अत्याधुनिक प्रशिक्षण व्यवस्थाओं को डिजाइन करके उनकी ताकत और कमजोरियों की पहचान करने में मदद करते हैं। यही कारण है कि ओलम्पिक खेलों को लंबे समय से खेलों में नवीनता का एक बड़ा मंच माना जाता रहा है।
7d. वैश्विक कवरेज और नेटवर्किंग
ओलंपिक एक वैश्विक आयोजन है, जिसमें सम्मेलित होने वाले प्रत्येक देश, खिलाड़ियों को, मीडिया कवरेज द्वारा दुनिया भर के अरबों लोगों से जुड़ने का अवसर प्राप्त होता है। इनके द्वारा किया गये प्रत्येक व्यवहार को दुनिया देखती है।
उदहारण के लिए 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक में डेरेक रेडमंड जब रेस के दौरान अचानक लड़खड़ा गये, तब उनके पिता जिम रेडमंड ने सहारा देते हुए फिनिश लाइन तक ले गये। यह किस्सा ओलिंपिक के दुनिया में काफी समय से सुर्ख़ियों में छाया रहा है।
7e. सांस्कृतिक विनियमन
इन महायोजनों में विभिन्न देशों के लोगों को एक मंच पर लाने और एक-दुसरे के संस्कृतियों को साझा करने का अवसर मिलता है। एथलीटों और दर्शकों को समान रूप से नए रीति-रिवाजों, परंपराओं और जीवन के तरीकों के बारे में जानने का मौका मिलता है।
यही सांस्कृतिक आदान-प्रदान राष्ट्रों में शांति बहाल करता है। आपको आज का यह पोस्ट कैसा लगा, अपना प्रतिक्रिया, सुझाव Comment Section में जरुर लिखें.
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