मित्र को पत्र कैसे लिखें | विभिन्न पत्र प्रारूप

सच्चा मित्रता में उंच-नीच, जात-पात नही देखा जाता है। दोस्ती का रिश्ता पवित्र होता है। मित्र को पत्र लिखने से आपसी रिश्तों के भावनाओं, अनुभवों और विचारों को मधुरता मिलता है।

हम उन्हीं दोस्तों को ही पत्र लिखते हैं, जिनसे हमारा लंगोटिया यारी होती है। आजकल पत्र लिखने का जमाना तो धीरे-धीरे ख़त्म हो ही रहा है। और इसके जगह Whatsapp, Facebook, Instagram ने ले लिया है।

फिर भी दोस्तों को पत्र लिखने की कला हमें आनी चाहिए। क्योंकि ऐसे पत्र परीक्षाओं में भी पूछे जाते है। चलिए समझते है कि मित्र को पत्र कैसे लिखें। इसके अलावा कुछ उदहारण भी प्रस्तुत किये हैं।

1. मित्र को पत्र कैसे लिखें

सबसे पहले मित्र को पत्र में अभिवादन “हेल्लो मित्र, प्रिय मित्र, जोहार मित्र” कीजिए। फिर पत्र लिखने का उद्देश्य दोस्त को परिचित करवाएं।

चिट्ठी लिखने को उत्साहित करने वाले कारकों को लिखना और उससे सम्बंधित सभी छोटे छोटे कारकों को भी लिखिए। शब्दों के सटीक उपयोग को समझें।

ख़ुशी, गम, किसी सरप्राइज, सलाह, या जागरूक करने के लिए भाषा शैली अलग अलग होता है। और अंत में पत्र के समग्र विश्लेषण को जरुर लिखिए, ताकि पुरे पत्र के निचोड़ और आपका विचार को लिखा जाता है।

2. कोरोना महामारी पर मित्र को पत्र

78-बी क्वार्टर
शांति रोड, जहोर
अजमेर, राजस्थान
प्रिय मित्र राहुल,

कैसे हो…! आशा है कि तुम सभी सकुशल होंगे। मैं तुम्हारे साथ कोरोनोवायरस महामारी के अनुभवों को साझा करना चाहता हूं। मैं काफी भाग्यशाली मानता हूं कि इस विकट परिस्थिति में भी परिवार के साथ हूं। परंतु दुर्भाग्य से, कई परिवारों को महामारी ने तबाह कर दिया, कुछ बच्चे अनाथ हो गये। कईयों का सहारा छुट गया। सड़कें सूनी हैं, इक्का-दुक्का लोग ही बाहर निकले है। हर कोई पहली बार इतने लंबे समय के लिए घरों में कैद हुए हैं। और यह पहली बार है जब स्कूल से सभी को इतनी लंबी छुट्टी मिली है।

मैंने इस समय का सदुपयोग करके ऑनलाइन कई नई चीजें सिखा है। और मैं चाहूँगा की तुम भी ऑनलाइन नए स्किल्स सीखो। यही वजह अब तकनीक का इस्तेमाल भी काफी बढ़ा है। इस महामारी ने लोगों को, सेहत के प्रति अधिक जागरूक किया है। मुझे आशा है कि इस दौर में तुम अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखोगे और परिवार के साथ अच्छा समय बिताओगे। आलस्य बिलकुल मत करना, कसरत और व्यायाम करते रहना। अपना सारा समय केवल ऑनलाइन गेम पर व्यतीत मत करना।

इस महामारी ने निश्चित रूप से दुनिया को बहुत कुछ सिखाया है। आवश्यकता ना हो तो घर से मत निकलना। हालांकि वायरस का प्रभाव कम हो गया है, फिर भी यह एक खतरा है और टीका लगवाना महत्वपूर्ण है। जब तुम बाहर जाओ तो साथ में मास्क और सैनिटाइज़र रखना और यथासंभव सतहों के संपर्क कम से कम रखना।
स्कूल फिलहाल बंद है, लेकिन महामारी का असर कम होते ही जल्द खुलेंगे। तब तक अपने परिवार संग अच्छे से रहना और ईश्वर को इस जीवन के लिए धन्यवाद करना।
तुम्हारा दोस्त
हरिनरेश

3. पिकनिक का वर्णन करते हुए मित्र को पत्र

08A- क्वार्टर, आलोकपुर
उदयनगर, बीजापुर
प्रिय मित्र,
कमलेश्वर
नववर्ष की ढेरों शुभकामनायें! मुझे उम्मीद है कि तुम और तुम्हारा परिवार में हमेशा खुशियाँ बनी रहे। और हमारी दोस्ती ऐसी बनी रहे। तुमने कहा था कि जरूरी वजह से घर पर रहना है, इसलिए पिकनिक पार्टी आ नही सके। उम्मीद करता हूँ कि अब तक समस्या का समाधान हो गया होगा। परन्तु जो भी हो, इस बार की पिकनिक पार्टी को बहुत मिस करोगे। और शायद ही ऐसी पिकनिक पार्टी दोबारा आयोजित होंगे। क्योंकि इस बार सारे दोस्तों ने मिलकर खूब एन्जॉय किया। आज तुम्हें पिकनिक का वर्णन पुरे विस्तार से सुनाऊंगा।

हमने 8 बजे जुबली मैदान में मिलने की योजना बनाई, और फिर हम सभी कार से चांडिल डैम घाट गए। कई दोस्त अपने-अपने गाड़ियों से पहुंचें। इतने सालों बाद एक-दूसरे को फिर से देखकर बहुत अच्छा लगा। तो सुनने और सुनाने को बहुत कुछ था। पिकनिक में हमने वाटर स्लाइडिंग और बोटिंग का आनंद लिया। हमने साथ में ढेर सारी सेल्फी और ग्रुप फोटोज खीचें। हमारे खाने में पुड़ी, विरयानी, पुलाव, रसीले मिठाइयाँ, और भी मेनू में ढेर सारे व्यंजन थे। खाना बहुत स्वादिष्ट था। सभी व्यंजन बताने लगा तो पत्र पढ़ते ही तुम्हे भूख लग सकती है!

रिया, पूजा, भारती, शिवम, आशुतोष और बाकी सभी आये थे। हर कोई पूछ रहा था कि तुम क्यों नहीं आए। हम सभी ने बचपन की यादों को ताज़ा किया, ढेर सारी बातें हुए। बातों बातों में शाम ढल गया, किसी को पता ही नही चला। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि समय कितनी जल्दी बीत गया, और मुझे दुख हुआ कि यह खास दिन दोबारा नहीं आएगा। हालाँकि, जीवन आगे बढ़ता है और हम सभी को अंततः अपने घरों को लौटना पड़ा।
तुम्हारा दोस्त
रविकिशोर

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4. खेलों का महत्व बताते हुए मित्र को पत्र

मधुपुर, सुरदा
सिमडेगा, झारखण्ड
प्रिय मित्र,
समीक्षा
बारहवीं के बाद हमारे रास्ते अलग हो गये। क्योंकि तुम्हें कंप्यूटर इंजीनियरिंग पसंद था और मुझे साहित्य पढ़ना। अब हमें पढ़ाई ऐसे करना होगा की, पढ़ाई ख़त्म होते ही बिना समय गवाएं नौकरी लग जाए। क्योंकि जितना जल्दी अपने पैरों पर खड़े होंगे, उतना ही दुनिया की तमाम खुशियाँ अपने पास होगा। मजाक-मस्ती का दौर ख़त्म हो चुका है। तो पढ़ाई पुरे मन से करना होगा, वर्ना अगर कंसिस्टेंसी छुट गया तो, फिर से उठ खड़ा होना बहुत मुश्किल हो जायेगा। लेकिन, व्यक्ति का समुचित विकास आवश्यक है। यानी कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों आवश्यक है। इसलिए खेलकूद का अलग ही महत्व है। देखो यार तुम कुछ ज्यादा ही पढ़ाई-पढ़ाई करते रहते हो, जो बिलकुल सही नही है। क्योंकि पढ़ाई के साथ खेलना भी जरुरी है।

खेलकूद से शरीर सबल और स्फूर्तिदायक बनता है, और मानसिक शक्ति प्राप्त होता है। इससे मांस-पेशियाँ मजबूत रहेंगे। शरीर कम रोगों के जकड़े में आएगा। अब खेलों के महत्व पर समझा रहा मतलब विडियो गेम्स में घुसे मत रहना। हॉस्टल में नए दोस्त बनाने से हिचकिचाओ नही। क्रिकेट, शतरंज, फुटबॉल, टेनिस जैसे कई खेलों को खेलो। कभी दोस्तों के साथ जिम भी जाया करो। खेलों से मन और तन में तालमेल बनता है। इसके अलावा, खेलों से टीमवर्क कौशल और त्वरित, तार्किक सोच विकसित करने में मदद मिलता है। तो पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद पर भी ध्यान देना। आशा करता हूँ कि, तुम्हें मेरे सलाह सुनोगे।
तुम्हारा मित्र
सोम्यक

5. परीक्षा में असफल होने पर पत्र

एक बालक परीक्षा पर मित्र को पत्र लिखते हुए.

रागडीह, मौजापुर
चतरा, झारखण्ड
प्रिय मित्र,
बीरबल
मैंने तुम्हारा परिणाम पत्र देखा। हम दोनों ने एक साथ ही पढ़ाई किये, लेकिन तुम पीछे छुट गये। मेरे दोस्त, अगर तुम पढ़ाई में पिछड़ गए हो तो चिंता मत करो। इन मुश्किल परिस्थिति में घबराना नही। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ। स्वयं में हीन भावना मत लाना। तुम्हें जो पढ़ाई में मदद चाहिए, मैं सभी मदद करूँगा। ऐसा मत सोचना कि, में आगे निकल गया तो तुम्हें पीछे छोड़ दूंगा। मैं पूरा साथ दूंगा। फिर से उठो और मेहनत करो। हम फिर भी साथ-साथ ही है। क्योंकि दुनिया में नौकरी स्किल्स के आधार पर मिलता है, सर्टिफिकेट से सिर्फ एडमिशन में मदद होता है।

जब तक जीवन है, संघर्ष हमेशा ही रहेगा। और रहा बात टॉप होने की तो दसवीं में टॉप करके कुछ हासिल नही होने वाला है। असली खेल तो जिंदगी में टॉप करने से है। और जिन्दगी में अनगिनत अवसरें है। तो घबराना मत। जो स्कूल में टॉप नही कर पाते हैं, वह जिंदगी में रिकॉर्ड बना डालते हैं। संदीप महेश्वरी ने सिर्फ बारहवीं तक पढ़ाई किया है। आज देखो वे भारत ही नही दुनिया के सबसे बड़े मोटिवेशनल स्पीकर है। तुम्हारा दोस्त हमेशा साथ देगा। तुम अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करो।
तुम्हारा मित्र
सोम्यक

6. कुसंगति से बचने के लिए मित्र को पत्र

मुबार, जामनगर
खेड़ा, गुजरात
प्रिय मित्र,
राकेश
कैसे हो…!देखो दोस्त, तुम अमीर घराने से ताल्लुक रखते हो, तो मैं चाहूँगा कि तुम अपनी संगत ठीक रखो। आज तुम्हारे कई दोस्त होंगे, लेकिन सभी सच्चे दोस्त नहीं हो सकते। क्योंकि बहुतों ने तुम्हारे पैसों को देखकर दोस्ती किया होगा। कई दोस्त तुम्हारे हाँ से हाँ मिलायेंगे। उनसे दूर रहो। वे तुम्हारी परवाह नहीं करते, बल्कि वे तुमसे अवसर का लाभ उठाने की कोशिश करते हैं। मैंने देखा है, कई दोस्त तुम्हारे हाँ में हाँ मिलते हैं। वे जानते हैं कि ये कदम गलत है, लेकिन तुमको कभी नहीं रोकेंगे। एक सच्चा दोस्त तुम्हें गलत रास्ते पर जाने से रोकेगा और आपको सही रास्ते की ओर ले जाएगा।

सच्चा मित्र कभी अवसरवादी नहीं होता, वह हमेशा मित्र के कल्याण के बारे में सोचता है। संगति हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती है। मानसिक स्वास्थ्य से लेकर रोजमर्रा जीवन, व्यवहार आदि में भी बदलाव आएगा। लोगों से बात करने का तरीका, मैच्योरिटी सभी चीजें प्रभावित होती हैं। भले ही आप बुरी संगत में रहकर भी गलत न हों, लेकिन कभी भी दूसरों की गलतियों का खामियाजा आपको भुगतना पड़ सकता है। कुसंगति से बचने के लिए ऐसे लोगों से दुरी बनाएं रखना। वर्ना इसका परिणाम तुम्हें भी भुगतना पड़ सकता है।
तुम्हारा शुभचिंतक
सुबोधकांत

अपने जीवन में मतलबी दोस्त को पहचानने सीखिए

7. मेला देखने जाने हेतु पत्र

राजनगर,जमशेदपुर
पूर्वी सिंहभूम, झारखण्ड
दिनांक-07/01/2023
प्रिय मित्र,
अंकुश
कैसे हो मित्र…! बहुत दिनों से तुम्हारा कोई खबर नही आया। सब सकुशल है ना…! हमारे गाँव में काली पूजन अवसर पर बहुत बड़ा मेला लगता है। यह मेला पुरे जिले का सबसे चर्चित मेला है। मेले में इतनी भीड़ होती है की पूछो मत। पाँव रखने तक की जगह नही होती है। मेला सुबह 10 बजे से शुरू होकर रात आठ बजे तक चलता है। यही मेला कई लोगों के आमदनी का स्रोत भी है। दूरदराज शहरों और गाँवों से भी लोग मेला घुमने आते हैं। बच्चे, बूढ़े, महिलाएं सभी मेले घुमने का आनंद उठाते हैं।

मेले में सस्ते और किफायती कपड़े मिलेंगे। खाने के तरह-तरह के व्यंजन, बच्चों के विभिन्न प्रकार के खिलोने, घरेलु सजावटी सामान, और भी कई चीजे मिलते है। नए-नए लोगों से जान-पहचान का अवसर भी मिलते हैं। मेरे साथ बड़े भैया भी जायेंगे, तो तुम भी साथ आना। मिलकर मेले घुमने का आनंद उठाएंगे। मुझे ढेर सारे कपड़े और खिलोने खरीदना है। बड़े बड़े झूलों में भी घुमना है। बहुत ही आनंद आएगा।
तुम्हारा दोस्त
मल्लिक

इन उदाहरणों से आपको मित्र को पत्र लिखने में ढेर सारे मदद मिला होगा। अगर आपको यह पोस्ट अच्छा लगा तो कमेंट जरुर कीजिए।

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