मन को शांत रखना, हर किसी की इच्छा है। लेकिन दुनिया के चौकाचौंध, काम का अधिक दवाब, कई तरह की परेशानियों तथा जिंदगी के भागदौड़ में हम इतने उलझ चुके हैं कि, हमारा मन शांत ही नही रहता है।
मानसिक शांति अति आवश्यक है। क्योंकि जीवन का असली उद्देश्य सुखमय जीवन में है। इससे जिंदगी के सभी कर्मो को सम्पूर्ण कर पाएंगे।
हमारा प्रत्येक कार्य निश्चिंत रूप से सफल होगा जिससे पारिवारिक जीवन, व्यक्तिगत जीवन, और रिश्तेदारों के बीच आपसी कलह कम होंगे।
1. परिचय
हर कोई “मन को शांत करने का तरीका” जानना तो चाहता है, लेकिन किस वजह से हमारा मन शांत नही है इन कारणों को जानने की कोशिश कोई नही करता।
दरअसल जब तक मन को बैचेन करने वाले कारणों को खोजकर, उनका सटीक उपाय नही निकालेंगे तब तक मन शांत हो ही नही सकता है। हमारा मन अगर किसी वास्तविक कारणों के संपन्न नही होने की वजह से हो रहा है तो, ना तो कोई दवाई ठीक कर सकता है, ना तो व्यायाम कर सकता है।
हाँ ये सब तरीके बस कुछ समय के लिए जरुर राहत देगा, जिस पर जरुर अंत में चर्चा करेंगे। लेकिन इन तरीकों से परमानेंट सलूशन मिलता नही है। मंत्र टोटका तो कर ही नही सकता है।
2. स्वयं को पहचानिए
दरअसल मैं स्वंय नही जानता हूँ कि, इस आर्टिकल को पढ़ने वाले का जीवन किन परिस्थितियों से गुजर रहा है? आपके जीवन की प्राथमिकताएं क्या है, आप लड़की हो या लड़का, स्त्री हो या पुरुष, उम्र क्या है, मैं कुछ नही जानता हूँ।
आपको किन तरीकों से दूसरों से सहायता मिलने की उम्मीद है ? क्या आपके ऊपर किसी चीज़ का दवाब है? आपके लिए हर वक़्त कौन साथ देगा?
इन प्रश्नों का जवाब जब तक मुझे पता ही नही चलेगा तब तक मैं आपको कुछ भी सलाह नही दे पाउँगा, और ना ही कोई ओर दे पायेगा।
लेकिन मुझे इतना मालुम है कि, अगर आपके आसपास आपके मन की व्यथा समझनेवाले कोई होता तो मेरे आर्टिकल तक नही पहुँचते। आज आप खुद को असहाय, कमजोर महसूस कर रहे होंगे। परंतु मैं आपको निराश नही करूँगा। जी बिलकुल भी नही।
आपके एक कहावत जरुर सुना होगा… “आपदा में अवसर”। आज आपके जीवन में आपदा है कि आप अकेले हो, बेसहारा महसूस कर रहे होंगे, लेकिन अवसर ये है कि अब वक़्त है खुद से खुद की मदद करने का।
जीवन की सच्चाई है की, इंसान को अकेले होने पर घबराना नही चाहिए, क्योंकि जीवन में एक दौर ऐसा आयेगा, जिस समय के बात जीवन का स्टीयरिंग खुद ही चलाना पड़ता है।
ये सबके साथ होता है, आप अकेले नही हो। कोई भी हमेशा साथ नही देगा। ख़ुशी मानिये की अकेले चलने का अनुभव वक़्त से पहले मिल रहा है। अब आपपर निर्भर है कि, आप “आपदा या अवसर” में किसे चुनते हो।
दरअसल मेरा कहना भी यही है कि, आपको आपसे बेहतर कोई ओर नही जान सकता। आपको परछाई की तरह मदद करने वाला भी स्वयं आप हो।
3. जीवन में अशांति के कारण
- काम का तनाव या पैसों की कमी
- नौकरी की असुरक्षा
- रिश्ते की समस्या या ब्रेकअप
- सामाजिक अकेलापन
- असफलता का डर
- किसी के अपेक्षाओं को पूरा करने का दबाव
- भविष्य के बारे में अनिश्चितता
- हमेशा परफेक्ट बने रहने की कोशिश
- अपने बारे नकारात्मक आलोचना
- समय प्रबंधन नही कर पाना।
- भावनाओं को व्यक्त करने में कठिनाई
- पुराने चिंता के साथ रहना
- अपने जीवन के उद्देश्य को ना हासिल कर पाना।
- नकारात्मक समाचार या सोशल मीडिया के लगातार संपर्क में रहना
- दोस्तों या परिवार के सदस्यों के साथ विवाद
- पिछले कर्मों का पछतावा
- दूसरों द्वारा मूल्यांकन किए जाने से मनमुटाव
- ना कहपाने में कठिनाई
- बेबस होना या किसी कार्य में सहायता नही मिलना
- दूसरों से हमेशा तुलना करना
- जीवन में उद्देश्य या दिशा का अभाव
- अपने ऊपर नियंत्रण नही होना
- खराब भावनात्मक स्थिरता
- अतिविचार या अधिक सोचना
- आर्थिक असमानता का अनुभव
- किसी विशेष स्थिति या परिस्थिति में फंसा हुआ महसूस करना
- सहकर्मियों या पर्यवेक्षकों के साथ तनावपूर्ण संबंध
- रिजेक्शन का पिछले अनुभव या अस्वीकृति का डर
4. मन शांत करने के उपाय
नीचे दिए गये उपाय अल्पकालिक जरुर हो सकते हैं, लेकिन इन आदतों को अपनाने से दीर्घकालिक निर्णय लेने की क्षमता पर सीधा असर करते हैं।
1. ध्यान लगाना

ध्यान लगाकर मन शांति करना कोई नया विधि नही है. मैडिटेशन सदियों पुराना तरीका है. किसी शांत और स्वच्छ जगह चुनकर Relax बैठिए, और आँखे बंद कीजिए. अब धीरे-धीरे साँस लीजिए और छोड़िये. अपने साँस के अलावा आसपास होने वाले गतिविधियों को बिना किसी जोर देकर महसूस कीजिए. कुछ देर इस प्रक्रिया को दोहराइए. आपका मन धीरे धीरे शांत हो जायेगा.
2. नशीली पदार्थो के सेवन से बचें

अक्सर कुछ लोग अधिक चिंता परेशानीयों में शराब-दारु पीकर, बैचेनी कम करने का कोशिश करते है. पर नशीली चीजे मानसिक पीड़ा का उपचार नही करता. बल्कि हमारे व्याकुलता को अधिक बढ़ाते है. साथ ही स्वास्थय पर अधिक नकारात्मक प्रभावित करते है. इसलिए नशीली पदार्थों के सेवन कम करके मन को शांत किया जा सकता है.
3. कम स्मार्टफोन इस्तेमाल

बार-बार स्मार्टफोन मैसेज चेक करना बैचैनी बढ़ता है. अगर यकींन ना हो तो, कम से कम 30 दिन स्मार्टफोन से दूर रहकर देखिए. कुछ दिन परेशानियाँ होंगे, परन्तु धीरे धीरे आपको आराम महसूस होगा.
4. परिवार के साथ समय गुजारना

हमारे जिंदगी के दुखों को कम करने का एक ही दवा है, वह है अपना परिवार. अपने परिवार से ज्यादा वक़्त गुजरिए. परिवार संग अच्छा वक़्त बिताने के लिए, किसी अच्छी जगह घुमने चले जाएये. परिवार हमारे अधिकतर दुखों को हर लेता है.
5. पर्याप्त नींद लेना

पर्याप्त नींद के अभाव में मानसिक तनाव रहता है. हमेशा लगभग आठ घंटा पर्याप्त नीद आवश्यक है. नींद के कमी से शरीर को आराम नही मिलता है. इसीलिए रात को हल्का आहार ही ले. सोने से पहले हाँथ-पैर धोकर सोयें. अधिक तनाव समय में ज्यादा रात मत जागिये.
6. सवेरे टहलने निकलना

रोज ब्रह्ममुहूर्त बिस्तर त्यागने का नियम बनाइए. प्रातकाल के ताज़गी को महसूस कीजिए. क्योंकि सुबहकाल में वायु शुद्ध और वातावरण शोरगुल मुक्त होता है.
5. चिंतामुक्त जीवन जीने के तरीके
5a. योगा- कसरत करना
योगा से शारीरिक गतिशीलता बनता है। इससे दैनिक कार्यों में उत्साह, ताजगी और शरीर में लचीलापन रहता है। शरीर मोटापाग्रस्त होने पर, कार्य करने की क्षमता कम हो जायेंगी.
इसीलिए योगा के अलावा शारीरिक कसरत भी जरुरी है. जिससे मांसपेशियों मजबूत होंगे. जोड़ों में दर्द की समस्याएँ नही होंगे. दैनिक स्फूर्ति हमेशा बने रहेगा।
5b. चिंतित ना होकर चिंतन करना
किसी समस्या पर अधिक चिंतित होने के अपेक्षा चिंतन कीजिए। क्योंकि चिंतित होने से समस्याएँ हल नही निकलते, अपितु मुश्किलें बढ़ते हैं. चिंतन पर समस्याएं हल होते है।
इसमें समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया जाता है. हमेशा समस्या को सोच-सोच कर परेशान मत हों। बेहतर होगा कि समाधान खोज़े।
5c. अत्यधिक लालसा होना
दूसरों के तरक्की देखकर स्वयं को हीन समझना मानसिक अशांति पैदा करता है। ख्वाब उतने ही बड़े देखिए, जितनी बड़ी आपका काबिलियत है। लेकिन अगर ख्वाब बड़े है, तो मेहनत भी उतना बड़ा होना चाहिए, जिससे आपके हर सपने, और शौक पुरे हो।
कर्म करने से फल मिल भी सकता नही भी। लेकिन कर्म बिलकुल भी नही करेंगे तो निश्चित है, कभी सफलता नही मिलेगा।
5d. गाना सुनना
युवाओं के लिए विशेषकर, मनपसंद गाने सुनने से भी मन को शान्ति मिलता है. कई प्रकार के गाने लोगों द्वारा सुने जाते है। लेकिन कई लोगों को Sad Song सुनने की आदत है, तो उन्हें Sad Song सुनने से मना करूँगा।क्योंकि बैचेन परिस्थिति में Sad Song अधिक तकलीफ देगा।
5e. संतुलित आहार कीजिए
अधिक फास्टफूड, चायनीज, मसलायुक्त खानों से हमारा स्वास्थ्य प्रभावित होता है। क्योंकि इन भोजनों से मनुष्य शरीर के पाचनक्रिया पर अधिक दवाब पड़ता है। भोजन पचने में अधिक समय लेता है.
गैस, बदहजमी, पेट दर्द होना आम समस्याएं है। इसीलिए हमें सादा भोजन ही करना चाहिए. समयानुसार लजीज व्यंजन भी खाना चाहिए, परन्तु अधिक मात्रा में नहीं।
6. अंतिम पंक्ति
हम सभी का जीवन यात्रा उतार-चढ़ाव से भरा है, ऐसा कोई भी नही है जिसका जीवन में चुनौतियां नही होंगे।
आपको मेरे बताये बातों पर यकीन नही है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद किसी प्रिय मित्र को फ़ोन कीजिए, बातों-बातों में हालचाल पूछिए। और थोड़ी देर बाद अपना जीवन की समस्याएं बताएं।
अगर वह दोस्त आपका बेहद करीबी होगा तो यक़ीनन वोह भी अपनी कुछ तकलीफें बताएगा। और अगर कामचलाव यारी है तो वह आपसे अपनी जीवन की तकलीफें नही बताएगा।
लेकिन एक बात जरुर कहूँगा कि, अगर पर्याप्त पैसा आपके पास है तो, जीवन में समस्याएं कुछ कम होते हैं। लेकिन जब तक जीवन है, संघर्ष जारी रहेगा।
उम्मीद है कि, आपको मन के शांति लेख पसंद आया होगा, तो अपना प्रतिक्रिया देना बिलकुल भी ना भूलें.
Good opation
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Hello Lucky, thank you for giving us your valuable time.
Good thoughts 👍
Hi Ankush, thanks for appreciation. Your response help us to improve Quality Content.
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Hi Kajal Dhurvey. Thanks for Feedback about our post. We wish you always would be happy…!!! Have a Good Day.
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Padhkar hi bahut shanti mili
Thank you.
Hii Sonu, We Appreciate your review.