भारत के सर्वश्रेष्ठ नदियों में से एक है, हमारी गंगा नदी। यह सिर्फ नदी मात्र नही है, बल्कि यह प्रत्येक भारतीयों के अध्यात्मिक और सांस्कृतिक जीवन से जुड़ा हुआ है।
हिन्दुओं के लिए माँ गंगा नदी काफी आदरणीय स्थान रखता है, क्योंकि गंगाजल के बिना कोई भी महत्वपूर्ण धार्मिक क्रियाकर्मों एवं संस्कारों को करना अधुरा माना गया है। ऐसे क्रियाकर्मों को सफल नही माना जाता है।
पूजा-पाठ में गंगाजल का उपयोग करने की यह प्रथा नवीन नही है, बल्कि सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी की मान्यताएं से चले आ रहे है। गंगा नदी भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है, जिसे “जीवन की नदी” और “माँ गंगा” के रूप में जाना जाता है।
उत्तराखंड में गंगोत्री ग्लेशियर से समुद्र तल से 7,500 फीट की ऊंचाई पर निकलती है, यह अपनी सहायक नदी से मिलने से पहले पांच राज्यों के माध्यम से 2,510 मील से अधिक बहती है जो पूर्वी तट पर बंगाल की खाड़ी में विलीन हो जाती है।
1. परिचय
गंगा का प्रभाव ना सिर्फ धर्म परम्पराओं तक सीमित है, बल्कि, यह भारत के पारिस्थितिकी तंत्र और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण जीवनरेखा भी है।
क्योंकि यह जलधारा हिमालय से निकलकर भारत के विभिन्न राज्यों से गुजरते हुए अंतत बंगाल की खाड़ी में जा गिरती है।
इसके किनारे रहने वाले लाखों लोगों के लिए जीवन रेखा के रूप में आज भी आजीविका में सहायता किया है, और जब तक इसका प्रवाह बना रहेगा, तबतक इसके तटीय इलाकों में बसे लोगों के लिए वरदान साबित होगा।
क्योंकि यह घरेलू, कृषि और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए पानी उपलब्ध कराती है।परंतु इसके अविरल बहाव के अति उपभोग ने नए चुनौतियों को जन्म दिए है।
हालाँकि, ऐसे कई संरक्षण प्रयास की कोशिशें जारी हैं जिनका उद्देश्य गंगा की प्राकृतिक सुंदरता और पवित्रता को बनाए रखना है। आज इन्ही विषयों पर चर्चा किए जायेंगे।
2. गंगा के किनारे पवित्र शहर
वैसे तो इस पावन नदी के आसपास कई पवित्र शहर बसे है, लेकिन जो शहर सबसे अधिक लोकप्रिय है, उनमें से कुछ निम्न है-
2a. वाराणसी
वैसे तो इस नदी के तटीय किनारों पर कई प्रसिद्ध एवं पवित्र शहर बसे हुए है, लेकिन उनमें सबसे पुराना शहर वाराणसी शहर है। ऐसा माना जाता है कि, जो भी व्यक्ति वाराणसी में माँ गंगा नदी पर डुबकी लगाएगा, उसके सारे गलतियाँ माफ़ हो जायेंगे। उसके जीवन चक्र से मुक्तिबोध का एहसास होगा।
2b. इलाहाबाद
इस शहर को प्रयागराज नाम से भी जाना जाता है, गंगा के तट पर बसा एक और शहर है, जहाँ यमुना नदी और सरस्वती नदी एक दूसरें में विलय हो जाते है। यह वही प्रख्यात शहर है, जंहा हर 12 साल अंतराल में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन “कुंभ मेला” का आयोजन पुरे धूमधाम से किया जाता है।
2c. ऋषिकेश
ऋषिकेश शहर हिमालय की तलहटी में स्थित एक शहर है। इस शहर को योग की विश्व राजधानी का उपमा दिया गया है। यंहा के बारे में यह मान्यताएं है कि ऋषिकेश में किया गया ध्यान और योग, इंसान के आध्यात्मिक विकास और ज्ञान प्राप्त करने में बहुत मददगार साबित होता है।
3. गंगा नदी का उद्गम
गंगा नदी तंत्र मानचित्र से जुड़े कई चित्र इन्टरनेट पर मिलेंगे, परन्तु सटीकता नही मिलेगा. आज हम Ganga River Map को सटीकता से प्रस्तुत किए हैं. उम्मीद है कि आपको आसानी से चित्र देखते ही गंगा नदी का नक्शा समझ आये.
गंगा जल निकासी की दृष्टि से विश्व की तीसरी सबसे बड़ी नदी और भारत की सबसे बड़ी नदी है। यह नदी हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण और पवित्र नदी है और इसका उपयोग परिवहन और सिंचाई के लिए भी किया जाता है।
इसके तट किनारे दस लाख से अधिक लोग रहते हैं। चूंकि भारत में गंगा नदी का बहुत महत्व है, इसलिए हम गंगा नदी के नक्शे की उत्पत्ति और गंगा नदी के इतिहास को देखते हैं।
गंगा नदी के उद्गम से जुड़े प्रश्नों के उत्तर, प्रश्न पूछने के तरीके पर निर्भर करता है कि प्रश्न Subjective है या Objective ? और Objective में Option पर भी निर्भर करता है.
इसलिए इस Article में आपके Doubts को Clear करने कि कोशिश करूँगा.
नदी का नाम “गंगा नदी” का अस्तित्व, देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा के मिलन के उपरांत आता है. वहीँ हिन्दू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गंगा नदी के प्रवाह का मुख्य स्रोत भगीरथी नदी को माना जाता है. इसलिए भगीरथी नदी के उद्गम स्थल को ही, गंगा नदी का उद्गम स्थल माना गया है.
3a. अलकनंदा नदी एवं भगीरथी नदी
अलकनंदा नदी के नामकरण का व्याख्या कहीं–कहीं अलग है. पहला यह कि, बद्रीनाथ के सतोपत हिमानी से निकलने वाले नदी को विष्णु गंगा नदी कहा जाता है, और विष्णु प्रयाग में धौलीगंगा नदी से मिलकर अलकनंदा नदी के नाम से प्रवाहित होती है.
दूसरा यह कि, अगर आप Google Maps में देखे तो सतोपत हिमानी से निकलने वाली नदी को विष्णु गंगा नदी ना कहकर अलकनंदा नदी ही कहा जाता है. ये भी हो सकता है कि, बाद में विष्णु गंगा नाम को बदलकर अलकनंदा ही रखा गया हो.
बस यही शुरुवात के नामकरण में थोड़ा अंतर है. अगर आपको इससे जुड़ी को Authentic Source मिले तो comment section में लिखना ना भूलें.

मै दुसरे तथ्य से आगे वर्णन करूँगा, ताकि आपको समझने में आसानी हो.
संतोपत से अलकनंदा नदी निकलने के बाद, अपने सहायक सरस्वती नदी से केशव प्रयाग में मिलती है. हालाँकि पांच प्रयागों को ही मुख्य माना जाता है. इसीलिए केशव प्रयाग का जिक्र गंगा नदी के वर्णन में कम ही आता है.
यंहा से आगे बढ़ते हुए विष्णु प्रयाग में धौलीगंगा नदी, अलकनंदा नदी का सहायक नदी बन जाती है. विष्णु प्रयाग के उपरांत नंदप्रयाग में नंदाकिनी नदी, कर्ण प्रयाग में पिंडार नदी, रूद्र प्रयाग में अलकनंदा नदी सहायक नदियाँ बन जाती है. अंत में देव प्रयाग में भगीरथी नदी के साथ मिल कर गंगा नदी का उद्भव होता है.
4. प्रयाग क्या होता है
प्रयाग का अर्थ– दो नदियों के संगम स्थली को प्रयाग कहा जाता है. यंहा सिर्फ पांच मुख्य प्रयागों को ही प्रमुखता दिया गया है:-
- विष्णु प्रयाग
- नन्द प्रयाग
- कर्ण प्रयाग
- रूद्र प्रयाग
- देव प्रयाग
5. पर्यावरणीय चिंता
आज भी लाखों लोग अपने आजीविका और दैनिक जरूरतों के लिए इस पवित्र नदी पर ही निर्भर है। यह भारत का सबसे अहम् जलमार्ग होने के साथ-साथ हमारे रीतिरिवाजों और संस्कृति का अभिन्न अंग है।
इसलिए गंगा नदी पर पड़ने वाले प्रभावों का असर, सीधे मनुष्यों के जीवनयापन पर भी पड़ता है। इस नदी किनारे बसे औद्योगिक शहरों ने कारखानों से उत्सर्जित औद्योगिक अपशिष्ट और सीवेज जल के नदी में निर्वहन के कारण पानी की गुणवत्ता में गिरावट आई है।
यह जल प्रदूषण नदी के जलीय जीवन और प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। इन प्रदूषणों का प्रभाव स्थानीय समुदायों और पर्यटन उद्योग पर सीधे असर पड़ा है।
इन विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों को कम करने और नदी की प्राकृतिक बहाव और सुंदरता को पुनः जागृत करने के लिए सरकार और विभिन्न गैर-सरकारी संगठन द्वारा कई अथक प्रयास किये गये है, जिसका रिजल्ट भी काफी सकारात्मक रहा हैं।
इसी चिंताजनक परिस्थितियों को देखकर, सरकार की ओर से वनीकरण, जैविक खेती और नदी में औद्योगिक कचरे के निर्वहन को विनियमित करने सहित कई संरक्षण प्रयासों पर नीतियाँ बनाए गये।
इन नीतियों को उचित तरीके से लागू करने के लिए, विभिन्न सरकारी एजेंसियों और संगठनों के प्रयासों का समन्वय करने पर जोर दिया जा रहा है।
स्वच्छ गंगा मिशन उन्ही परियोजनाओं में से एक है, जो गंगा नदी और उसके आसपास के पारिस्थितिक तंत्र को साफ और संरक्षित करने के लिए शुरू किया गया है।
हालाँकि, चल रहे संरक्षण प्रयासों के बावजूद, गंगा की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व की रक्षा के लिए अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। सरकार को अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से मिलकर जोर देना होगा। तभी गंगा नदी को पुनरुत्थान हो सकेगा।
6. एमवी गंगा विलास क्रूज
हाल ही में दिनांक 13 जनवरी, 2023 को हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर मोदी जी ने अबतक के सबसे लम्बे रिवर क्रुज एमवी गंगा विलास को हरी झंडी दिखाकर उत्तरप्रदेश के वाराणसी शहर से गंगा नदी रास्ते रवाना किया है।
यह क्रूज सेवा उत्तरप्रदेश के वाराणसी शहर से शुरू होकर असम के डिब्रूगढ़ तक की यात्रा 51 दिनों में पूरा करेगा।
इस 3200 किलोमीटर की सफ़र के दौरान भारत के विभिन्न पर्यटन स्थलों में पर्यटकों को विश्व धरोहर स्थल, राष्ट्रीय उद्यान, नदी घाट और महत्वपूर्ण शहरों से रूबरू कराया जायेगा। यह 3200 किलोमीटर का सफ़र बांग्लादेश के रस्ते 27 नदी तंत्रों से गुजरते हुए पूर्वी भारत में डिब्रूगढ़ पहुचेगा।
इस क्रूज़ सेवा से भारत के अंतर्देशीय व्यापार और पर्यटन दोनों को ही अपार संभावनाओं में बढ़ोतरी होगा। एमवीए गंगा विलास क्रूज आलीशान जहाज की क्षमता 36 यात्री पर्यटकों को ले जाने की क्षमता रखता है। इसमें सभी लक्ज़री सुविधाओं के साथ तीन डेक और 18 सुइट सुविधाएं उपलब्ध हैं।
7. उपसंहार
गंगा नदी भारतीयों के लिए सिर्फ जलधारा या नदी मात्र नही है, अपितु यह प्राचीन काल से ही हमारे आस्था और जीवन से जुड़ा है। हमारा परिस्थितियां कैसी भी रही हो इसने समस्त भारतीयों को पोषित एवं प्रेरित किया है।
हमने कई सार्थक कोशिशें तो कियें हैं, लेकिन इस दिशा कार्य करना अभी बहुत बाकी है। और सबसे बड़ी सराहनीय कार्य जनता के सहयोग अति आवश्यक है। तभी हमारी गंगा पुनः जीवंत हो उठेगी।
8. गंगा नदी से संबंधित प्रश्न
1. गंगा नदी के तट पर कौन सा राज्य बसा है ?
गंगा नदी भारत में क्रमश उत्तराखंड , उत्तरप्रदेश , बिहार, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरती है।
2. गंगा नदी एवं सहायक नदियों में वर्ष भर पानी क्यों रहता है ?
हिमालय से उद्गम होने के कारण गंगा नदी में वर्ष भर पानी रहता है।
3. गंगा नदी के किनारे ग्रीन बेल्ट की क्या नियम है ?
नदियों को प्रदुषण से बचाने के लिए नदी किनारों पर पौधा रोपण कराना, ग्रीन बेल्ट का नियम है।
4. गंगा नदी के पानी में कौन सा जीवाणुरोधी एजेंट पाया जाता है ?
बैक्टीरियाफगेस।
5. गंगा नदी उत्तरप्रदेश के कितने जिलों से होकर गुजरती है ?
27 जिलों।
6. गंगा नदी बिहार के कितने जिलों से होकर गुजरती है ?
बिहार में बक्सर जिले से प्रवेश करते हुए, भोजपुर, सारण, पटना, वैशाली, समस्तीपुर, बेगुसराई, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर और अंततः कटिहार से होकर कुल 12 जिलों से गंगा नदी गुजरती है।
7. गंगा नदी पश्चिम बंगाल के कितने जिलों से होकर गुजरती है ?
मालदा जिले से प्रवेश करके, गंगा मुर्शिदाबाद जिले में बहती है। बांग्लादेश में प्रवेश से पहले गंगा नदी फरक्का बांध पर विभाजित होती है। विभाजित गंगा पश्चिम बंगाल में भगीरथी, कटी गंगा, हुगली, वही बांग्लादेश में पद्मा नदी कहलाती है। घुमावदार बहाव के कारण पद्मा नदी, कई बार पुनः पश्चिम बंगाल में प्रवेश करती है, लेकिन अंततः बंगलादेश से होकर ही बंगाल की खाड़ी पर संगम होता है। ग्रीष्मकाल में कोलकाता बंदरगाह में गाद जमाव समस्या रोकने के लिए हुगली नदी का निरंतर बहाव आवश्यक है। इसीलिए अतिरिक्त जल प्रवाह के लिए फरक्का बांध पर गंगा का विभाजन किया गया।
8. गंगा नदी झारखण्ड के कितने जिलों से होकर गुजरती है ?
झारखण्ड में सिर्फ साहेबगंज जिले से होकर गंगा गुजरती है ।
Ganga nadi par bna sabse bada pull kon sa bha hai?
महात्मा गांधी सेतु