कोरोनावायरस ने दुनियाभर के लिए विकट समस्या खड़ा कर दिया। यह वायरस पुरे विश्व में फैला।साथ ही बहुत मौत और तबाही फैलाया। वैश्विक आवाजाही बंद करने हर देश मजबूर हुआ।
लॉकडाउन के कारण सभी अन्तराष्ट्रीय रास्ते बंद हुए। सभी अन्तर्राज्यीय आर्थिक, सामाजिक, राजनितिक गतिविधियाँ ठप्प हुए। इस कोरोना वायरस ने सभी देशों के स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और तकनीकी को चुनौती दिया।
आखिर लोगों ने खुद को घर में बंद करने को क्यों मजबूर हुए। क्या वाकई में कोरोनावायरस इतना खतरनाक है ?आज के इस निबंध लेख पर कोरोनावायरस पर चर्चा करेंगे। साथ ही इसके प्रभाव, दुष्परिणाम, बचने के उपाय, टीकाकरण, मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
1. कोरोनावायरस क्या है
कोरोनावायरस, वायरस के परिवार या category का नाम है। इसके अबतक सात प्रकार पाए गए हैं। जिनमें से कुछ SARS, MERS आदि नाम है। इन वायरसों का नाम कोरोना नाम इसलिए पड़ा, क्योंकि इसके उपरी सतह पर प्रोटीन स्पाइक बने है, जिसका संरचना ”क्राउन या मुकुट” जैसे है।
2. कोरोनावायरस कैसे फैला
दिसम्बर 2019 की बात है। चीन के हुबई प्रांत के वुहान शहर के कुछ मरीजों में निमोनिया के लक्षण पाए गए।इस बिमारी का संक्रमण दर इतना अधिक था, कि काफी कम समय में ही विश्व के अन्य भागों में तेज़ी से फैलने लगा।
इस संक्रमण दर को देखकर WHO ने 30 जनवरी 2020 को वैश्विक आपातकाल घोषणा किया।जाँच पर यह सच्चाई सामने आया कि, वायरस का आकृति और प्रकृति कोरोनावायरस के परिवार से काफी मिलता जुलता है।
चूंकि यह कोरोनावायरस का नया वैरिएंट था, और दुनिया को जल्दी आगाह कराना था, इसलिए इसे n-CoV(novel-Coronavirus) नाम दिया गया।
बाद में रिसर्च करने के बाद इस वायरस का नाम SARS-CoV-2 रखा गया, और इससे फैलने वाली बिमारी का नाम COVID-19 रखा गया।यह वायरस पशुओं से होकर इंसानों में फैला। वुहान शहर के पशु बाज़ार से मानवों में पहुंचा।हालाँकि यह बीमारी इंसानों में किस जानवर से आया, इस पर सटीक जानकारी अबतक नही है।
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3. धन्यवाद कोरोना वायरस सहायकों
कोविड नियमों को लागू कराने में प्रशासनिक अधिकारीयों के अलावा अन्य सरकारी कर्मचारी भी ड्यूटी किए।
ताकि कोविड नियमों का पालन हो, लोग अनावश्यक घरों से नही निकले।
इसलिए जगह-जगह पर चेकपोस्ट बनाकर चौबीस घंटे आने-जाने लोगों पर निगरानी रखा गया। डॉक्टरों और नर्सों ने भी कोरोनाकाल में परिवार से दूर रहकर कोरोना पीड़ितों का इलाज किया। चेकनाकों में लगातार कोविड टेस्ट किए.कई समाजसेवी संस्थाओं ने भी लोगों को आर्थिक मदद पहुचायां।
4. कोविड १९ का मानव जीवन पर प्रभाव
कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन का प्रभाव इतने लंबे समय तक विकट परिस्थिति बना देगा, सबके समझ से परे था।
इसका असर समाज के विभिन्न वर्गों पर अनेक तरीकों से पड़ा।
कोरोनावायरस के कारण छोटे-बड़े दुकानदार, दिहाड़ी मजदूर, फल-सब्जी विक्रेता, वैरायटी स्टोर व्यवसायी, ड्राइवर्स, जैसे विभिन्न दैनिक मजदूरी करके कमाने वाले लोग आर्थिक तंगी का शिकार होने लगे।
बिगड़ते परिस्थिति देखकर सरकार ने राशन वितरण बढ़ाया, ताकि कोई परिवार भूखे ना सोये। स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों के नियमित क्लासेज पूरी तरह बंद हो गए। अधिक समस्या प्रवासी मजदूरों को हुआ।
अचानक सारे कारखाने, उद्योग बंद हो गए। अंततः इनके कामकाज ठप्प पड़ गए. अक्सर प्रवासी मजदूर कमाए पैसों को घर पहुचाते हैं. जिस कारण इनके पास बचत नही रहा।
5. कोरोना महामारी के दुष्परिणाम
- परिवहन सेवाएं बंद होना
- दैनिक मजदूरों के आजीविका संकट आना
- लोगों का आपसी मिलना-जुलना कम होना
- नियमित शिक्षा व्यवस्था ठप्प पड़ना
- हस्पतालों में मरीजों का दवाब बनना
- वैश्विक आर्थिक और सामाजिक गतिविधियाँ बंद हो जाना
- बाजार ना खुलने पर फसलें ख़राब होना
- उद्योग, कारखानों का बंद होना
6. कोरोना से बचाव के उपाय
कोविड १९ वायरस के प्रसार को रोककर ही इससे बचाव संभव है। निम्न उपायों से हम सभी सुरक्षित रह पाएंगे।
बाहर निकलते समय मास्क आवश्य लगाएं।
खासने या छीकनें समय मुँह और नाक को टिशु पेपर या रुमाल से जरुर ढकें।
साबुन और पानी या अल्कोहलिक हैण्ड सैनीटाइजर से हांथो का नियमित सफाई।
भीड़ भाड़ इलाकों से परहेज।
कोरोना टीकाकरण अवश्य लगवाएं।
सामाजिक दुरी का पालन करें।
लंबी अवधि तक बीमार रहने पर चिकित्सीय परामर्श आवश्य लें।
कोरोना वायरस से जुड़े सरकारी गाइडलाइन का पालन करें।
7. कोरोनावायरस का शिक्षा पर प्रभाव
कोरोना के कारण नियमित कक्षाएं बंद हुए। ऑनलाइन क्लासेज शुरू किये गये, परन्तु संसाधनों का अभाव में सभी विद्यार्थी पूर्णतया ऑनलाइन क्लासेज से जुड़ नही पाते।
क्योंकि कभी स्मार्टफ़ोन का कमी, तो कंही नेटवर्क, तो कंही बिजली जैसे समस्याएँ रहा। स्मार्टफोन हर वक़्त छात्रों के पास रहने से ऑनलाइन गेमिंग का लत लगने लगा। कई बार साइबर क्राइम के भी शिकार हुए।
पारंपरिक क्लासेज से अचानक ऑनलाइन क्लासेज में आये बदलाव में ढलना सभी के लिए काफी मुश्किल रहा। क्योंकि ऑनलाइन क्लासेज से जुड़ा पर्याप्त संसाधनों का भी अभाव रहा।
परिक्षाएं चालू करवाना असंभव रहा, नतीजन विद्यार्थियों को अगले कक्षा में प्रमोट किया गया। एक ही कमरे में बंद होकर पढ़ाई करने से मानसिक बीमारियाँ भी होने लगे। शरीर गतिविधियों के अभाव पर सुस्त हो गये।
8. उपसंहार
कोरोना महामारी से गरीब से लेकर अमीर परिवारों तक के जीवनयापन प्रभावित हुआ। बहुत परिवारों ने प्रियजनों को खोया। परन्तु कोरोना महामारी से सबसे अधिक पीड़ित कम आय वाले परिवारों को हुआ।
इसका असर फिलहाल पूरी तरह ख़त्म नही हुआ, परन्तु हमें काफी कुछ सबक दे गया। हमें स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान देना होगा. शारीरिक रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाना होगा। स्वच्छता ही निरोग जीवनशैली का एकमात्र उपाय है।
रुपयें-पैसे बचत करना सीखना चाहिए, ताकि मुश्किल परिस्थितियों में अभाव ना बने। अपना पराया मानसिकता छोड़कर एक दुसरे की मदद करना सीखे। असहाय, बेघर और जरुरतमंदो को सामर्थ्य अनुसार सेवाएँ दीजिए।
और अंत में, कठिन परिस्थितियों में एक दूसरों का मनोबल बढ़ाएं तो विकट परिस्थितियों पर भी जीत निश्चित होगा। तभी एक सशक्त देश और समाज निर्माण होता है।